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Tuesday, August 12, 2008

श्री साईनाथ नमः
पंच पदे पदे साईं
गुरूर ब्रम्हा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः , गुरुः साक्छात पर ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः


श्री साईं बाबा : - श्री अतुरु साईं बाबा इस पुण्य भूमि पर सन १८३८ से १९१८ पर्यंत ८० वर्ष की कल मर्यादा में हिन्दू – मुसलमानों तथा एनी धर्मो के असंख्य अव लोगो को सन्मार्ग की और प्रवित्त करने का श्री साईं महाराज का कार्य निशंदेह पुन्यता भगीरथ के पवित्र अविरत प्रवाह की बहती ही सतत,अद्भुत और रहस्यमय से चलता रहा.श्री साईं नाथ एक अवतारी पुरुष थे.उनका से कहा हुआ,उनके परम पूज्य माता पिता कौन थे थे और उनकी जनम की जाती और धर्म क्या था आदि प्रशन आज भी अगम्य बने हुए है इसलिए उनका पवित्र जीवन चित्र तथा उनकी लीलाये अत्यन्त ह्रदय स्पर्शी और मन को बरबस मोहित करनी वाली बनी हुई है.
श्री साईं बाबा की लीलाओ तथा उनकी अद्भुत शक्ति का यदि तादस्थ पवित्र भावः से मनन,अध्ययन किया जाए तो अन्तः करण में यह भावना उत्पन्न होती है की श्री साईं बाबा एक महान अवतारी पुरूष थे.यध्यपि उन्होंने सधे गुरु हाथ से पार्थिव शरीर का सन १९१८ में तय किया तथापित भावुक भक्तो के लिए वे आज भी अजर – अमर है.वे आज भी अपने भक्तो को स्वप्न में या जागृत अवस्था में प्रत्यक्छ दर्शन देते हुए प्रतीत होते है.समाधी स्थल पर उनकी दिव्या अस्थिया आज इसी चाँद भी प्रेमी भक्तो के कण में मंजुल नाद करती प्रतीत होती है.यही कारन है की आज भी सभी दीशाओ से हजारो लोग शिर्डी छेत्र की यात्रा के लिए आते है.यह श्री साईं बाब की दिव्य विभूति का ही चमत्कार और साक्छात्कार है.

साईं बाबा के फोटोस



















साईं मंदीर में मनाये जाने वाले मुखय त्योहार

१) दत्तात्रेय जयन्ती
2 ) राम नवमी
३ )गुरुपूर्णिमा
४ ) महा शिवरात्रि
५ )विजयादशमी
६ ) दीपावली

बाबा की आरती का समय

साईं बाबा के जीवन की अमूल्य

बाबा का सटका

बाबा का चिलम

बाबा का टमरेल

बाबा की हंडी

बाबा का चूल्हा

बाबा के बैठने का पत्थर

Saturday, August 9, 2008

श्री साईं बाबा के ग्यारह वचन

१] जो शिर्डी में कदम रखेगा , उसकी समस्त आपदाये दूर हो जायेगी.

२] जो मेरी समाधी की सीढ़ी चडेगा ,उसका सारा दुःख नष्ट हो जायेगा.

३] शरीर त्यागने के पश्चात् भी में अपने भक्तो के लिए दौड़ता हुआ आऊंगा.

४] आप मन में दृढ विश्वास रखिये,शिर्डी में बनी मेरी समाधी आपकी इच्छाए पूर्ण करेंगी.

५] आप मुझे सदैव जीवीत ही समझिये और अपने अनुभवों दुआरा इसकी प्रचिती प्राप्त कीजिये

६] क्या ऐसा भी उद्धारहण है की कोई भक्त अन्नय भाव से मेरी शरण में आये और उसकी मनोकामना पूरी न हो ?

७] जो-जो भक्त जिस – जिस भाव से मुझे स्मरण करता है,वैसा ही फल मई उसे प्राप्त करवा देता हु.

८]आपके हित साधन का उत्तर दायित्व तो मैं संभाल लूँगा,मेरा वचन कभी असत्य सिध्ध नहीं होगा.

] आप विश्वास रखिये की जो यहाँ आएगा,उसे अवश्य सहायता मिलेगी भक्त जिस-जिस वास्तु की कामना करेगा,मैं वही उसे प्राप्त करा दूंगा.

१०]जो भक्त मन,वचन,काया से मुझमे लीनं होता है,मैं उसका सदैव रिनी रहूँगा।

११] धन्य है वह भक्त,जो अन्नय भाव से मेरे चरणों को शरण पाने आया हो.

श्री साईं प्रार्थना

श्री साईं प्रार्थना :-


) रहमन नज़र करो , अब मोरे साईं , तुम बिन नहीं मुझे माँ बाप भाई
मै अँधा हु बंदा तुम्हारा,मालिक हमारे तुम बाबा साईं




२) साईं रहम नज़र करना,बच्चो का पालन करना
मै अँधा हु बंदा तुम्हारा,मुझको प्रभु दिध्लाना
जाना तुमने जगत पसरा,सभी झूठ जमाना,
दास गनु कहे अब,क्या बोलू थक गई मेरी रचना

साईं रहम नज़र करना,बच्चो का पालन करना

साईं बाबा के मंत्र

साईं मंत्र :- साईं राम साईं श्याम
तू जग दाता , विश्व विधाता , तेरे चरणों में चारो धाम.
साईं राम साईं श्याम

साईं हरी मंत्र :-
जय साईं राम , साईं श्याम हरी हरी.
तेरी महिमा सबसे न्यारी -न्यारी हरी हरी
तेरी लीला सबसे प्यारी-प्यारी हरी-हरी.
जय साईं राम , साईं श्याम हरी हरी.

साईं मंत्र :-
ओम साईं नमो नमः
श्री साईं नमो नमः
जय-जय साईं नमो नमः
सतगुरु साईं नमो नमः

मंगलम
:- साईं मंगलम साईं नाम मंगलम.
पवन भूमि शिर्डी,साईं धाम मंगलम
साईं मंगलम साईं नाम मंगलम.

साईं बाबा का सिद्धि यन्त्र

साईं बाबा का सिद्धि यंत्र

श्री साईं यंत्र



साईं बाबा का महिमान्वित मंत्र

ओम हीं परब्रम्ह परमात्मने हरी हर ब्रम्हेंद्रय श्री साईं नाथाय नमः स्वाहा लाभः

शिर्डी में अन्य पूज्यनीय स्थान

१) श्री खंडोबा मंदिर २) उपासनी बाबा का मंदिर

3) लक्ष्मी बाई की कुटिया

4 ) अब्दुल बाबा की झोपडी

5) महलसा पति की कुटिया

६) बाबा की चावडी


7 ) दुआरिका माई ( मस्जीद )

मन्दिर परिषर में विशेष स्थान

१) समाधी (जहा श्री साईं बाबा का शरीर विश्राम कर रहा है )


2) श्री साईं बाबा का गुरु स्थान (नीम का पेड़ जिसके पत्ते आज भी कड़वे नही लगते।)


3) लिंडी बाग़ (श्री साईं बाबा रोज संध्या को इस बाग़ में स्वच्छ वायु लेने आते थे)
4) नंदा दीप
5) अब्दुल बाबा की मजार (इन्हे साईं बाबा की परछाई कहा जाता है।)

6) बायजा माँ और तात्या पाटिल की समाधी


7) नाना वल्ली की समाधी.
8) श्री शनि भगवन,गणेश भगवन, और शिव जी का मन्दिर,बाघ की समाधी.